मेरे बच्चे
(दिनांक 26 -01 -२०११,बंगलोर )
साँस धीरे -धीरे पिघलती जायेगी ,
पिघलती जायेगी ,
और मैं अतीत बन जाऊंगा .
अतीत के पन्नों में खो जाऊँगा .
किस्से- कहानियाँ बनकर रह जाऊँगा .
लेकिन मेरे बच्चे ,
मैं अपने आपको ,
तुमसे अलग नहीं रह पाऊंगा .
यह मेरे लिए नामुमकिन होगा ,
बिलकुल नामुमकिन होगा ,
मैं अपने आपको ,
तुमसे अलग नहीं कर पाऊंगा .
मैं आऊंगा ,
सुबह की किरण बन कर ,
तुम्हे जगाने को ,
मैं आऊंगा ,
हवा का शीतल झोंका बन कर ,
तुम्हे सुलाने को .
मैं आउंगा ,
दुधिया चाँदनी बन कर ,
तुम्हे नहलाने को .
मैं आऊंगा ,
बच्चों की किलकारियाँ बन कर ,
तुम्हे हँसाने को
गुदगुदाने को
या फिर ,
तुम जब -जब उदास होगे ,
मैं तुम्हारे कानों में गुनगुनाऊंगा ,
तुम सदा खुश रहना ,
मेरे बच्चे ,
तुम सदा खुश रहना .
(दिनांक 26 -01 -२०११,बंगलोर )
साँस धीरे -धीरे पिघलती जायेगी ,
पिघलती जायेगी ,
और मैं अतीत बन जाऊंगा .
अतीत के पन्नों में खो जाऊँगा .
किस्से- कहानियाँ बनकर रह जाऊँगा .
लेकिन मेरे बच्चे ,
मैं अपने आपको ,
तुमसे अलग नहीं रह पाऊंगा .
यह मेरे लिए नामुमकिन होगा ,
बिलकुल नामुमकिन होगा ,
मैं अपने आपको ,
तुमसे अलग नहीं कर पाऊंगा .
मैं आऊंगा ,
सुबह की किरण बन कर ,
तुम्हे जगाने को ,
मैं आऊंगा ,
हवा का शीतल झोंका बन कर ,
तुम्हे सुलाने को .
मैं आउंगा ,
दुधिया चाँदनी बन कर ,
तुम्हे नहलाने को .
मैं आऊंगा ,
बच्चों की किलकारियाँ बन कर ,
तुम्हे हँसाने को
गुदगुदाने को
या फिर ,
तुम जब -जब उदास होगे ,
मैं तुम्हारे कानों में गुनगुनाऊंगा ,
तुम सदा खुश रहना ,
मेरे बच्चे ,
तुम सदा खुश रहना .
Every parents should tell this poem to their children.
ReplyDelete