शिवरात्रि के अवसर पर
आज शिवरात्रि है .आज हम भगवान शिव की आराधना करते हैं .शिव आज भी उतने हीं प्रासंगिक हैं जितने वह पहले थे .शिव ने पूरे विश्व की रक्षा करने के लिए स्वयं ही सारे विष को ग्रहण कर लिया .शायद इसीलिए वे देव नहीं महादेव कहलाये.तुम भी दूसरों की रक्षा करो .उनके सारे दुःख -दर्द अपने ऊपर ले लो .तुम भी मानव नहीं महा मानव हो जाओगे .तुम्हारे अन्दर का देवत्व अपनी महत्तम ऊंचाई को प्राप्त कर लेगा .
शिव के सर पर चन्द्रमा और गंगा शोभित हैं .चन्द्रमा आनंद देता है और गंगा जीवन दायिनी है शिव प्रेरणा देते हैं दूसरों को आनंद और जीवन देते रहने की .
ॐ नमः शिवाय .
आज शिवरात्रि है .आज हम भगवान शिव की आराधना करते हैं .शिव आज भी उतने हीं प्रासंगिक हैं जितने वह पहले थे .शिव ने पूरे विश्व की रक्षा करने के लिए स्वयं ही सारे विष को ग्रहण कर लिया .शायद इसीलिए वे देव नहीं महादेव कहलाये.तुम भी दूसरों की रक्षा करो .उनके सारे दुःख -दर्द अपने ऊपर ले लो .तुम भी मानव नहीं महा मानव हो जाओगे .तुम्हारे अन्दर का देवत्व अपनी महत्तम ऊंचाई को प्राप्त कर लेगा .
शिव के सर पर चन्द्रमा और गंगा शोभित हैं .चन्द्रमा आनंद देता है और गंगा जीवन दायिनी है शिव प्रेरणा देते हैं दूसरों को आनंद और जीवन देते रहने की .
ॐ नमः शिवाय .