(ये पंक्तियाँ दिनांक 24 -12 -2011 को पापा के
द्वारा अपने birthday के दिन लिखी गयी थीं )
यह उम्र कुछ नहीं है , बस खेल है अंकों का ,
द्वारा अपने birthday के दिन लिखी गयी थीं )
यह उम्र कुछ नहीं है , बस खेल है अंकों का ,
मैं उम्र के ढलने से अन्जान हो गया हूँ ,
हर जन्म दिन मुझे यह अहसास कराता है ,
मैं एक वर्ष और भी जवान हो गया हूँ .
Bahut Khoob bhaiya...mein aasha karti hoon ki aap ki Umra har janamdin par dugani ho jaye....
ReplyDeleteKabhi-2 bina jahir kiye.....baatein jahir ho jaati hain...Mama ki panktiyaan unme se hoti hain...
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