मिकी
(पापा की posting उन दिनों चक्रधरपुर में थी .
वहां वे अकेले थे .घर आने का समय बहुत
मुश्किल से मिल पाता था.उन दिनों मिकी
अकेली संतान थी ,वे उसे बहुत miss करते थे )
(वर्ष 1983 ,चक्रधरपुर )
मिकी ,बहुत दिनों से तुमसे,
भेंट नहीं कर पाया हूँ
आने का मन होता है,
पर कुछ भी नहीं कर पाया हूँ
प्यार तुम्हे थोड़ा सा देकर ,
बहुत दूर हो जाता हूँ,
बहुत अधिक जब याद आती है,
मन मसोस रह जाता हूँ
तू छोटी है,तू भोली है,
क्या समझेगी ये बातें,
तेरे बिन कैसे कटती हैं,
सुबह,शाम,और दिन रातें
पूछ रही होगी पापा को,
यही सोच घबड़ाता हूँ,
चाह बहुत है आने की,
पर देखो कब आ पाता हूँ.
मिकी
छोटे से मेरे घर में,प्यारा सा एक आँगन,
आँगन में खेलता था,नन्हा अबोध बचपन.
अब पूछती है सबसे पापा कहाँ गए हैं,
पापा बहुत परेशां हैं सोच सोच हर क्षण.
(पापा की posting उन दिनों चक्रधरपुर में थी .
वहां वे अकेले थे .घर आने का समय बहुत
मुश्किल से मिल पाता था.उन दिनों मिकी
अकेली संतान थी ,वे उसे बहुत miss करते थे )
(वर्ष 1983 ,चक्रधरपुर )
मिकी ,बहुत दिनों से तुमसे,
भेंट नहीं कर पाया हूँ
आने का मन होता है,
पर कुछ भी नहीं कर पाया हूँ
प्यार तुम्हे थोड़ा सा देकर ,
बहुत दूर हो जाता हूँ,
बहुत अधिक जब याद आती है,
मन मसोस रह जाता हूँ
तू छोटी है,तू भोली है,
क्या समझेगी ये बातें,
तेरे बिन कैसे कटती हैं,
सुबह,शाम,और दिन रातें
पूछ रही होगी पापा को,
यही सोच घबड़ाता हूँ,
चाह बहुत है आने की,
पर देखो कब आ पाता हूँ.
मिकी
छोटे से मेरे घर में,प्यारा सा एक आँगन,
आँगन में खेलता था,नन्हा अबोध बचपन.
अब पूछती है सबसे पापा कहाँ गए हैं,
पापा बहुत परेशां हैं सोच सोच हर क्षण.
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