Friday, 23 March 2012

अहसास 
(वर्ष 1981 )



हसरत थी संग मिलकर,
बाटेंगे हर ख़ुशी गम.
हालात इस तरह हैं,
अनजान हो गए हम.
सारी फिज़ा वही है ,
फिर भी बदल गया कुछ,
यह सोच- सोच आखिर,
हैरान हो गए हम.
कोशिश रही हमारी,
रुक जाए चंद लम्हें,
एहसास हो रहा है,
नाकाम हो गए हम.
हर ओर मौज मस्ती है ,
शोर- शराबा है,
इस भीड़ में कहीं बस,
 गुमनाम हो गए हम.

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